कुछ मनमोहक दृश्य सजाकर
प्रेम रुपी ज्योति जलाकर
अंतर्मन में तुम्हे बिठाकर
प्रश्नों के अम्बार लगाकर
आज तुम्हे आइना बनाकर
सोचता हूँ क्या पुछु....?
बस... अपलक....
यूँही तुम्हे देखता रहू....
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