Friday, February 27, 2009

क्या पुछु....?

कुछ मनमोहक दृश्य सजाकर

प्रेम रुपी ज्योति जलाकर

अंतर्मन में तुम्हे बिठाकर

प्रश्नों के अम्बार लगाकर

आज तुम्हे आइना बनाकर

सोचता हूँ क्या पुछु....?

बस... अपलक....

यूँही तुम्हे देखता रहू....

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